घर में पूजन सम्बन्धी नियम कायदे
अधिकांश हिन्दुओं के घर में पूजन के लिए छोटे छोटे मंदिर बने होते है जहां की वो भगवान की नियमित पूजा करते है। लेकिन हममे में से अधिकांश लोग अज्ञानतावश पूजन सम्बन्धी छोटे छोटे नियमों का पालन नहीं करते है। जिससे की हमे पूजन का सम्पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। आज हम आपको घर में पूजन सम्बन्धी कुछ ऐसे ही नियम बताएँगे जिनका पालन करने से हमे पूजन का श्रेष्ठ फल शीघ्र प्राप्त होगा।
आखिर क्यों खाया था पांडवों ने अपने मृत पिता के शरीर का मांस ?
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आज हम आपको महाभारत से जुडी एक घटना बताते है जिसमे पांचो पांडवों ने अपने मृत पिता पाण्डु का मांस खाया था उन्होंने ऐसा क्यों किया यह जानने के लिए पहले हमे पांडवो के जनम के बारे में जानना पड़ेगा। पाण्डु के पांच पुत्र युधिष्ठर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव थे। इनमे से युधिष्ठर, भीम और अर्जुन की माता कुंती तथा नकुल और सहदेव की माता माद्री थी। पाण्डु इन पाँचों पुत्रों के पिता तो थे पर इनका जनम पाण्डु के वीर्य तथा सम्भोग से नहीं हुआ था
आज हम आपको महाभारत से जुडी एक घटना बताते है जिसमे पांचो पांडवों ने अपने मृत पिता पाण्डु का मांस खाया था उन्होंने ऐसा क्यों किया यह जानने के लिए पहले हमे पांडवो के जनम के बारे में जानना पड़ेगा। पाण्डु के पांच पुत्र युधिष्ठर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव थे। इनमे से युधिष्ठर, भीम और अर्जुन की माता कुंती तथा नकुल और सहदेव की माता माद्री थी। पाण्डु इन पाँचों पुत्रों के पिता तो थे पर इनका जनम पाण्डु के वीर्य तथा सम्भोग से नहीं हुआ था
महाभारत की 10 अनसुनी कहानियाँ
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लिंग संग्रालय (पेनिस म्यूज़ियम) - यहाँ रखे है जानवरो, मछलियों और इन्सानो के लिंग (पेनिस)
आप ने अपनी ज़िंदगी मे कभी न कभी कोई ना कोई म्यूज़ियम अवश्य देख होगा। दुनिया में म्यूज़ियम बनाने कि परंपरा बहुत पूरानी है और दुनीया मे अनको चीज़ो के म्यूज़ियम बने हुए है। लेकिन आइसलैंड की राजधानी रेक्जाविक मे स्तिथ 'आइसलैंडिक फैलोलॉजिकल म्यूजियम' (The Icelandic Phallological Museum) अपने आप में अनोखा है क्योकि यह दुनिया का इकलौता म्यूज़ियम है जहाँ मछलियो, जानवारों से लेकर इंसानो तक के लिंग (जननांग) का संग्रह किया गया है। इस लिंग म्यूज़ियम की स्थापना आइसलैंड के एक निवासी सिगरदर जारटार्सन ने 1997 में की थी।
सिगरदर जारटार्सन, पेनिस म्यूज़ियम के संस्थापक All Images Credit |
10 Most Mysterious Places in India
Reading and studying about mystery is a topic, always of interest to a lot of people. Like many others, India also has a lot of mystery connection to it. Here is a list of 10 most mysterious places in India:
Ghost Town of Kuldhara, Rajasthan
अरे ये क्या...भूत ने इंसान को धुन
वैसे तो आज के युग के भूतों पर विश्वास करना मुश्किल है। पर कहते है ना कि जिस पर बीतती है, उसे ही एहसास होता है। ऎसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप भी चौंक जाओगे।वैसे तो आज के युग के भूतों पर विश्वास करना मुश्किल है। पर कहते है ना कि जिस पर बीतती है, उसे ही एहसास होता है। ऎसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप भी चौंक जाओगे।
10 बड़े हवाई हादसे जिन्होंने बदल दी एविएशन की दुनिया
आज हम आपको एविएशन इतिहास के उन 10 बड़े हादसों के बारे में बताएँगे , जिनसे सबक लेकर
इतिहास कि कुछ चर्चित विमान हादसे - जब गायब हुए विमानों का नहीं लगा पता
मलेशिया के विमान को गयाब हुए 10 दिनों से ज्यादा बीत चुके है पर अभी तक उसका पता नहीं चला है। इससे पहले भी कई ऐसे विमान हादसे हो चुके है जब गयाब हुए विमान का पता कई हफ़्तों, महीनो, या सालों बाद चला था और कुछ तो आज तक भी लापता है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही विमान हादसों के बारे में बताएँगे।
एयरफोर्स फ्लाइट 571 (Air Force Flight 571) :-
यह एविएशन इतिहास का सबसे चर्चित विमान हादसा है। यह 1972 एंडीज फ्लाइट डिजास्टर के नाम से प्रशिद्ध है। ऊरुग्वे एयरफोर्स का यह विमान चिली के लिए उड़ा था, जो 13 अक्टूबर 1972 को एंडेस माउंटेन रेंज में क्रैश हो गया था। इसमें 45 पैसेंजर थे, जिसमें से 12 लोग हादसे में मारे गए थे। इसके बाद 72 दिनों तक यह पता नहीं चल पाया था कि कोई जिंदा भी है। जहाज के मलबे में रह रहे लोगों में से बाद में 8 लोगों की मौत बर्फबारी के कारण हो गई। बाकी बचे 16 लोगों ने मृत लोगों का मांस खाकर दो माह से ज्यादा समय तक खुद को जीवित रखा था। वर्ष 1993 में इस कहानी पर अलाइव नाम की एक फिल्म भी बनी।
एयरफोर्स फ्लाइट 571 (Air Force Flight 571) :-
यह एविएशन इतिहास का सबसे चर्चित विमान हादसा है। यह 1972 एंडीज फ्लाइट डिजास्टर के नाम से प्रशिद्ध है। ऊरुग्वे एयरफोर्स का यह विमान चिली के लिए उड़ा था, जो 13 अक्टूबर 1972 को एंडेस माउंटेन रेंज में क्रैश हो गया था। इसमें 45 पैसेंजर थे, जिसमें से 12 लोग हादसे में मारे गए थे। इसके बाद 72 दिनों तक यह पता नहीं चल पाया था कि कोई जिंदा भी है। जहाज के मलबे में रह रहे लोगों में से बाद में 8 लोगों की मौत बर्फबारी के कारण हो गई। बाकी बचे 16 लोगों ने मृत लोगों का मांस खाकर दो माह से ज्यादा समय तक खुद को जीवित रखा था। वर्ष 1993 में इस कहानी पर अलाइव नाम की एक फिल्म भी बनी।
धरती कि 10 सबसे खतरनाक जगह (10 most dangerous place on earth)
हम में से हर कोई एक सुरक्षित जगह में रहना और जाना पसंद करता है, लेकिन विश्व में कुछ ऐसे भी स्थान हैं, जहां इंसान के जीवन के लिए बहुत अधिक खतरा है। इनमे से कुछ खतरनाक स्थानों में आज भी लोगों को जाने की मनाही है। इन जगहों में से कुछ स्थानों पर तो ऐसे खतरे हैं, कि स्थिति अगर थोड़ा सा भी बदल जाए तो लाखों लोग मौत के मुंह में जा सकते हैं। कुछ स्थान तो ऐसे हैं, यदि कोई मनुष्य वहां जाए तो उसके बचकर वापस आने की संभावना बहुत कम ही रहती है। आज हम आपको धरती के कुछ ऐसे ही खतरनाक स्थानों के बारे में बताएँगे।
खूनी पोखर - जापान (Bloody Pond - Japan) :-
यह जापान के सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। इस पोखर में तैरना मना है क्योंकि इसक तापमान 194 फैरेनहाइट रहता है। झील में लोहे और नमक की मात्रा काफी होती है और इसका पानी खूनी लाल रंग का होता है। पानी की सतह से भाप वाष्पित होती रहती है। इसे देखकर ऐसा लगता है कि जैसे यह नर्क का द्वार हो।
बरमूडा ट्राइएंगल जैसी धरती कि कुछ अनोखी और रहस्मयी जगह
आप सभी ने बरमूडा ट्राइएंगल का नाम जरूर सुना होगा यह वो जगह है जहा से आज तक सबसे अधिक संख्या में शिप और प्लेन गायब हुए है। लेकिन दुनिया में बरमूडा ट्राइएंगल जैसी और भी कई जगह है जहा पर आदमी से लेकर जहाज तक गायब हो चुके है और आज तक उनका कारण समझ नहीं आया है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही अनोखे स्थानो के बारे में बताएँगे।
हिमाचल का गीयू गांव - यहाँ है 550 साल पुरानी एक संत कि प्राकर्तिक ममी - अभी भी बढ़ते है बाल और नाखून
किसी भी इंसान कि मौत के बाद उसके शव(Dead Body) को केमिकल्स से संरक्षित करके ममी(Mummy) बनाई जाती है, यह विधि प्राचीन मिस्र सभ्यता में बड़े पैमाने पर अपनाई जाती थी। मिस्र के अलावा दूसरे देशो में भी शवो कि Mummy बनाई गयी है जैसे किइटली का कापूचिन कैटाकॉम्ब जहा पर सदियो पुराने 8000 शवो को Mummy बनाकर रखा गया है। लेकिन विशव में अनेक जगह प्राकर्तिक ममी(Natural Mummy) भी पायी गयी है यानि कि बिना किसी केमिकल के संरक्षित किये सदियो पुराने ऐसे शव(Dead body) जो आज भी सामान्य अवस्था में है। ऐसी ही कुछ Natural Mummy हमारे भारत(India) में भी है जिसमे से एक गोवा के बोम जीसस चर्च में रखी संत फ्रांसिस जेवियर कि ममी के बारे में हमने आपको बताया था।
तनोट माता मंदिर (जैसलमेर) - जहा पाकिस्तान के गिराए 3000 बम हुए थे बेअसर
तनोट माता का मंदिर जैसलमेर से करीब 130 किलो मीटर दूर भारत - पाकिस्तान बॉर्डर के निकट स्थित है। यह मंदिर लगभग 1200 साल पुराना है। वैसे तो यह मंदिर सदैव ही आस्था का केंद्र रहा है पर 1965 कि भारत - पाकिस्तान लड़ाई के बाद यह मंदिर देश - विदेश में अपने चमत्कारों के लिए प्रशिद्ध हो गया।
पारिजात वृक्ष - किंटूर - छुने मात्र से मिट जाती है थकान - महाभारत काल से है संबध
वैसे तो पारिजात वृक्ष पुरे भारत में पाये जाते है, पर किंटूर में स्तिथ पारिजात वृक्ष अपने आप कई मायनों में अनूठा है तथा यह अपनी तरह का पुरे भारत में इकलौता पारिजात वृक्ष है। उत्तरप्रदेश के बाराबंकी जिला मुख्यालय से 38 किलोमीटर कि दूरी पर किंटूर गाँव है। इस जगह का नामकरण पाण्डवों कि माता कुन्ती के नाम पर हुआ है। यहाँ पर पाण्डवों ने माता कुन्ती के साथ अपना अज्ञातवास बिताया था। इसी किंटूर गाँव में भारत का एक मात्र पारिजात का पेड़ पाया जाता है। कहते है कि पारिजात के वृक्ष को छूने मात्र से सारी थकान मिट जाती है।
वैले हाउस - अमेरिका - जहा आज भी भटकती है वैले परिवार के सद्स्यों की आत्मा
यह सत्य कहानी है एक ऐसे घर कि जिसमे रहने वाले एक हि परिवार के सारे सदस्य एक एक करके उसी घर मे मारे जाते है। इनमे से कई बिमारी के कारन मरते है जब कि कई लोग आत्महत्या करते है। मौतों का यह सिलसिला 1875 से शुरू होता है और 1961 तक चलता है। जिस इंसान की भी मौत उस घर मे होती है उसकी आत्मा उस घर मे कब्जा कर लेती है और इस तरह आखरी मौत तक उस घर मे अनेकों रूहों का बसेरा हो जात है। यह है अमेरिका का वैले हाउस जिसे कि अमेरीका के 'मोस्ट हन्टेड हाउस' का खिताब प्राप्त है।
सच्ची घटना - सूरत में आधी रात को एक वीरान इमारत मे दिखा भूत
एक दृश्य कि कल्पना कीजिये, आप भूत, प्रेत और आत्म मे विशवास करते है। आप आधी रात को , बरसों से बन्द पड़ी एक वीरान और भूतिहा इमारत के पास से गुजर रहे है और आपको उस इमारत कि चौथी मंजिल कि बालकनी पर , बाहर कि और पैर लटकाए बैठी हुईं एक लड़की (ऐसे कि जरा सा संतुलन बिगड़े और लड़की सिधे नीचे), अस्त व्यस्त सी हालत मे नज़र आये तो आपकी क्या हालत हो ?
भूपत सिंह चौहाण - इंडियन रॉबिन हुड - जिसे कभी पुलिस पकड़ नहीं पायी
यह बात आजादी के पहले की है। इस समय देश में राजा-रजवाड़ों का शासन चलता था। भारत की संपत्ति व संपदा लूटने में अंग्रेज कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे। इतना ही नहीं, अपने स्वार्थ के लिए देश के कई राजा-रजवाडे भी अंग्रेजों के साथ मिलकर देश को लूट रहे थे और जनता अनकों तरह की यातनाएं भुगतते हुए भूखी-प्यासी मर रही थी। इस समय देश में चारों ओर सिर्फ लूटपाट का ही नगाड़ा बज रहा था।
इसी समय वडोदरा के शासक गायकवाड परिवार को एक चिट्ठी मिलती है, जिसमें पूरे परिवार को धमकी लिखी थी..‘महल में काम करने वाले सभी 42 नौकरों को उनकी सेवानिवृत्ति के समय पांच-पांच वीघा जमीन दी जाए और इसकी जाहिर सूचना पूरे शहर में भी दी जाए। अगर आपने ऐसा नहीं किया तो परिवार के सभी सदस्यों की एक-एक कर हत्या कर दी जाएगी।’ इस धमकी भरे पत्र के नीचे नाम लिखा था.. भूपत सिंह चौहाण। यह वही भूपतसिंह था, जिसने वडोदरा से लेकर दिल्ली की सरकार तक के नाक में दम कर रखा था।
सत्य घटना - सांप ने काटा, डाकटरों ने मृत घोषित किया, घरवालों ने गंगा में बहाया, 14 साल बाद जिन्दा लौट आया युवक
कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाये घट जाती है जिन पर यकीन करना मुश्किल होता है। ऐसी ही एक घटना हाल ही में बरेली के देबरनिया थाना क्षेत्र के भुड़वा नगला गांव में घटी जब उस गाँव का मृत लड़का 14 साल बाद जिन्दा घर लौट आया। लड़के का नाम छत्रपाल व उसके पिता का नाम नन्थू लाल है। नन्थू लाल के घर बेटे को देखने वालों की भीड़ जमा हो रही है। लड़के के परिजन और गाँव वाले उसको पहचान चुके है। हर जगह छत्रपाल चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग इस चमत्कार को नमस्कार करने पर मजबूर हैं। आइये अब हम आपको छत्रपाल के मरने से लेकर वापस लौटने कि घटना को विस्तारपूर्वक बताते है।
छत्रपाल (Photo Via Bhaskar) |
पांच रहस्यमय ढांचे(Five Mysterious Structure) : जिनका सच आज तक नहीं जान पायी दुनिया
दुनिया में हजारों साल पुराने कई ढांचे ऐसे हैं, जिनकी उत्पत्ति या निर्माण के बारे में किसी भी पुरातत्व विशेषज्ञ, इतिहासकार या वैज्ञानिक के पास जवाब नहीं हैं। ये स्ट्रक्चर आज भी मानव के लिए बड़े तिलिस्म बने हुए हैं।
इन स्थानों के बारे में कई वर्षों तक यह जानने की कोशिश की गई कि इन्हें किसने बनावाया होगा, क्यों बनवाया होगा या इनका उपयोग किसके लिए किया जाता था? ऐसे तमाम सवाल आज भी अनउत्तरित हैं। हम आपको यहां ऐसे पांच रहस्यमय स्ट्रक्चर के बारे में यहां जानकारी दे रहे हैं।
कापूचिन कैटाकॉम्ब (Capuchin Catacombe) - एक अनोखा कब्रिस्तान जहाँ रखे हैं सदियों पुराने 8000 शव - कमजोर दिल वालो के लिए नहीं हैं यह जगह
हमने Ossuary पर एक सीरीज शुरू कि थी जिसकी पहली कड़ी में हमने आपको Sedlec Ossuary के बारे में बताया था जिसे कि वहाँ दफनाये गए 40000 शवो कि हड्डियों से सजाया गया हैं। इसकी दूसरी कड़ी में हम आज आपको बता रहे हैं एक ऐसे अनोखे अंडरग्राउंड कब्रिस्तान के बारे में जिसमे 8000 शवो को ममी बनाकर जिन्दा रखा गया हैं। ये कब्रिस्तान हैं Capuchin Catacombe जो कि इटली के सिसली शहर में स्तिथ हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा सामूहिक सेक्स आयोजन (सेक्स ओर्जी)
आज हम आपको कनाडा के मनिटोबा मे हर साल होने वाले एक ऐसे आयोजन के बारे मे बताएंगे जिसे की आप इस धरती का सबसे बड़ा सामूहिक सेक्स आयोजन (सेक्स ओर्जी) कह सकते है। हालॉकि यह सामूहिक सेक्स आयोजन इंसानो से सम्बन्धित ना होकर सांपो से सम्बन्धित है। यह इस धरती पर होने वाली कुछ दुर्लभ और विचित्र घटनाओं मे से एक है। यह घटना हर साल कनाडा के मैनिटोबा प्रान्त मे वसंत के महिने में होती है।
अदभुत - एक इंसान जो लाशों को बदल देता है डायमंड में
यदि आप अपने किसी प्रियजन कि मृत्यु के बाद उसकी यादों को डायमंड के रूप में सहज के रखना चाहे तो आप संपर्क करे रिनाल्डो विल्ली (Rinaldo Willy) से जिनका काम लाशों को डायमंड में परिवर्तित करना है। यह बात सुनने में बड़ी ही अजीब लग सकती है पर यह है एकदम सत्य। स्विट्ज़रलैंड के रिनाल्डो विल्ली एक कम्पनी Algordanza चलाते है जहा कि उन्नत तकनीको का प्रयोग करते हुए, इंसान के अंतिम संस्कार के बाद बची राख को डायमंड में परिवर्तित किया जाता है। Algordanza एक स्विस शब्द है जिसका हिंदी में अर्थ होता है "यादें" । कंपनी हर साल लगभग 850 लाशों को डायमंड में तब्दील कर देती है। इस काम कि कॉस्टिंग डायमंड के साइज़ पर निर्भर करती है जो कि 3 लाख से 15 लाख के बीच बैठती है।
हॉन्टेड विलेज "कुलधरा"(Haunted Village Kuldhara) - एक श्राप के कारण 170 सालों से हैं वीरान - रात को रहता है भूत प्रेतों का डेरा
हमारे देश भारत के कई शहर अपने दामन में कई रहस्यमयी घटनाओ को समेटे हुए है ऐसी ही एक घटना हैं राजस्थान के जैसलमेर जिले के कुलधरा(Kuldhara) गाँव कि, यह गांव पिछले 170 सालों से वीरान पड़ा हैं।कुलधरा(Kuldhara) गाँव के हज़ारों लोग एक ही रात मे इस गांव को खाली कर के चले गए थे और जाते जाते श्राप दे गए थे कि यहाँ फिर कभी कोई नहीं बस पायेगा। तब से गाँव वीरान पड़ा हैं।
कुलधरा मे एक मकान |
Real Ghost Story In Hindi (भूतों की 13 सच्ची कहानियां)
क्या आपको लगता है कि भूत होते हैं। हैलोवीन से लेकर चीनी घोस्ट फेस्टिवल तक भूत हमारे जीवन और संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। हालांकि यह सच है या झूठ, इस पर हजारों सालों से विवाद रहा है। हम यहां दुनियाभर की कुछ ऐसी तस्वीरें दिखा रहे हैं, जिन्हें देखने के बाद भूत के अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकेगा।
1.रेहम हॉल की ब्राउन लेडी (Brown lady of raynham hall)
1.रेहम हॉल की ब्राउन लेडी (Brown lady of raynham hall)
गोवा के वीरान बंगलों में,Team Pentacle द्वारा भूतों का इन्वेस्टीगेशन - खिची तस्वीरें, रिकॉर्ड कि आवाज़ें
भूत होते है या नहीं ये सदा से ही एक बहस का मुद्दा रहा है। भूत - प्रेतों पर विश्वास और अविश्वास करने वाले इस बारे में अपने अपने तर्क देते है। हम इन पर विश्वास करे या ना करे पर हर धर्म में और हर सभ्यता में पारलौकिक ताकतों का वर्णन है। हाल ही में पारलौकिक शक्तियों कि इन्वेस्टीगेशन करने वाली संस्था Team Pentacle द्वारा गोवा में पूर्तगाली शासनकाल के समय के वीरान पड़े बंगलों में, अपने अत्याधुनिक उपकरणों के साथ पारलौकिक शक्तियों कि खोज कि गयी। अपनी इन्वेस्टिगेशन के दौरान टीम ने न सिर्फ अदृश्य ताकत को कैमरे में कैद किया बल्कि उसकी आवाज भी रिकॉर्ड की है। गोवा में घोस्ट हंटिंग
मियाकेजीमा इजू आइलैंड, जापान - हवा है ज़हरीली - ज़िन्दा रहने के लिए यहाँ के निवासियों को हमेशा लगाने पड़ते है गैस मास्क
हमारी पृथ्वी पर कई ऐसी जगह है जहाँ इंसानों के जिन्दा रहने के लिए बहुत ही विकट परिस्थितिया है। ऐसे ही एक जगह ब्राजील के स्नेक आइलैंड के बारे में हमने आप को अपनी एक पछली पोस्ट में बताया था जहा कि ज़हरीले गोल्डन पिट वाइपर सांपो कि अधिकता के चलते कोई भी इंसान नहीं रह पाता है। आज हम आपको एक और अजीबो गरीब आइलैंड के बारे में बताएँगे जहा पर इंसान रहते तो है पर उन्हें जिन्दा रहने के लिए हमेशा गैस मास्क लगा के रखना पड़ता है क्योकि यहाँ के वातावरण में ज़हरीली गैसों कि मात्रा सामान्य से बहुत अधिक स्तर तक पहुच गयी है। यह जगह है जापान का मियाकेजीमा इजू आइलैंड (Miyakejima Izu Island Japan) ।
स्नेक आइलैंड - ब्राज़ील - यहाँ चलती है जहरीलें गोल्डन पिट वाइपर सांपो कि हुकूमत
Snake Island - Brazil - Where Golden Pit Viper Snake Is The King
आज हम आपको ब्राजील(Brazil) के एक ऐसे आइलैंड के बारे में बता रहे है जहा केवल जहरीलें गोल्डन पिट वाइपर (Golden Pit Viper) सांपो कि हुकूमत चलती है। यह है ब्राज़ील के Sao Paulo से 93 मिल दूर समुद्र मे स्तिथ एक आइलैंड जिसका नाम Ilha de Queimada Grande है पर जिसे सब स्नेक आइलैंड(Snake Island) कहते है।
आज हम आपको ब्राजील(Brazil) के एक ऐसे आइलैंड के बारे में बता रहे है जहा केवल जहरीलें गोल्डन पिट वाइपर (Golden Pit Viper) सांपो कि हुकूमत चलती है। यह है ब्राज़ील के Sao Paulo से 93 मिल दूर समुद्र मे स्तिथ एक आइलैंड जिसका नाम Ilha de Queimada Grande है पर जिसे सब स्नेक आइलैंड(Snake Island) कहते है।
डिऊथ - एक अनोखा द्वीप (आइलैंड) - जो बना है करोड़ों सीपियों से
सीपियाँ देखने में बहुत ही सुन्दर लगती है। आप सभी ने कही न कही सीपियों से बने सजावटी आइटम जरूर देखे होंगे। सीपियाँ वास्तव में एक समुद्री जीव का खोल होती है जो कि उनके मरने के पश्चात लहरों द्वारा समुद्र के किनारे पर इकठ्ठी कर दी जाती है। कई जगह इनके मीट के लिए इनको समुद्र से पकड़ा जाता है और मीट निकालकर खोल को फेक दिया जाता है।
किराडू - राजस्थान का खजुराहो - 900 सालो से है वीरान
किराडू राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है। किराडू अपने मंदिरों कि शिल्प कला के लिया विख्यात है। इन मंदिरों का निर्माण 11 वि शताब्दी में हुआ था। किराडू को राजस्थान का खजुराहों भी कहा जाता है। लेकिन किराडू को खजुराहो जैसी ख्याति नहीं मिल पाई क्योकि यह जगह पिछले 900 सालों से वीरान है और आज भी यहाँ पर दिन में कुछ चहल - पहल रहती है पर शाम होते ही यह जगह वीरान हो जाती है , सूर्यास्त के बाद यहाँ पर कोई भी नहीं रुकता है। राजस्थान के इतिहासकारों के अनुसार किराडू शहर अपने समय में सुख सुविधाओं से युक्त एक विकसित प्रदेश था। दूसरे प्रदेशों के लोग यहाँ पर व्यपार करने आते थे। लेकिन 12 वि शताब्दी में, जब किराडू पर परमार वंश का राज था , यह शहर वीरान हो जाता है। आखिर ऐसा क्यों होता है, इसकी कोई पुख्ता जानकारी तो इतिहास में उपलब्ध नहीं है पर इस को लेकर एक कथा प्रचलित है जो इस प्रकार है।
एनाबेल डॉल - एक भुतिहा, शापित गुड़िया कि सच्ची क़हानी
अब तक हम आपको भुतहा घर, भुतहा किले, भुतहा आइलैंड, भुतहा म्यूज़ियम आदि के बारे में बता चुके है। आज हम आपको एक भूतिहा गुड़ियाँ (हॉन्टेड डॉल) की रियल स्टोरी बताएँगे, जिस पर कि 2013 में एक ब्लॉकबस्टर मुवी 'दा कंज्युरिन्ग' ( The Conjuring) बन चुकी है। यह कहानी है तीन फ्रेंड्स कि जिन्हे यह हन्टेड डॉल ईतना आतंकित कर देती है कि उन्हे उससे मुक्ति पाने के लिए पेशेवर पैरानॉर्मल इंवेस्टीगेटर्स एड और लॉरेन वारेन से मदद लेनी पड़ती है। यह डॉल आज भी वारेन के ओकलट म्यूज़ियम ( Warren's Occult Museum) में , शीशे के शोकेस मे रखी है। शोकेस के ऊपर इसे ना खोलने कि चेतावनी भी लिखी हुई है। एड और लॉरेन वारेन के अनुसार इस डॉल की शैतानी ताकते अभी भी जिन्दा है यदि इसे अभिमंत्रित बॉक्स से बाहर निकाला तो ये फिर से सक्रीय हो जाएंगी। उनके अनुसार इस डॉल को बॉक्स में बंद करने के बाद भी यह एक इंसान कि मौत के लिए ज़िम्मेदार है।
ओकलट म्यूज़ियम में रखी हॉन्टेड डॉल |
कुछ पुरातात्विक खोजे जिन्होंने वैज्ञानिकों को कर रखा है हैरान और परेशान
विशव में हर साल बहुत सी पुरातात्विक खोजे की जाती है। इन खोजो से हमे हमारे पिछले समय के बारे में काफी जानकारी मिलती है। लेकिन कभी कभी कुछ ऐसी खोजे हो जाती है जिसका रहस्य वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाते है जैसे की सहारा के सुदूर रेगिस्तान में बना पत्थरो का ढांचा , या फिर कुछ ऐसी खोजे होती है जो वैज्ञानिको को हैरान कर के रख देती है जैसे की नवाडा में मिला विशाल इंसानी जबड़ा। हम आपको आज कुछ ऐसी ही खोजो के बारे में विस्तार से बताएँगे।
1. शुद्ध लोहे से बना करोडो साल पुराना हथोड़ा (Hammer of the purest iron alloy) :-
1. शुद्ध लोहे से बना करोडो साल पुराना हथोड़ा (Hammer of the purest iron alloy) :-
मेक्सिको का डरावना डॉल्स आइलैंड - जहा पर हर तरफ लटकी है डरावनी डॉल्स
मैक्सको सिटी से 17 मील साउथ में Xochimilco canals में एक छोटा सा आइलैंड है जिसका नाम “La Isla de la Munecas” है पर अब यह डॉल्स आइलैंड (The Island Of dolls) के नाम से जाना जाता है। वास्तव में यह आइलैंड एक फलोटिंग गार्डन (तैरता हुआ बगीचा) है जिसे कि मेक्सिको में चिनमपा ( Chinampa ) कहते है। इस आइलैंड कि खासियत यह है कि इस आइलैंड पर सैकड़ों कि संख्या में डरावनी और टूटी फूटी डॉल्स लटकी हुई है।
राजा जगतपाल सिंह का शापित किला - एक शाप के कारण किला बन गया खंडहर
झारखण्ड की राजधानी से 18 किलोमीटर की दुरी पर, रांची-पतरातू मार्ग के पिठौरिया गांव में 2 शताब्दी पुराना राजा जगतपाल सिंह का किला है। किसी जमाने में 100 कमरो वाला विशाल महल अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। इसके खंडहर में तब्दील का कारण इस किले पर हर साल बिजली गिरना है। आश्चर्य जनक रूप से इस किले पर दशको से हर साल बिजली गिरती आ रही है जिससे की हर साल इसका कुछ हिस्सा टूट कर गिर जाता है। दशको से ऐसा होते रहने के कारण यह किला अब बिलकुल खंडहर हो चुका है। आप माने या ना माने लेकिन गांव वालो के अनुसार इस किले पर हर साल बिजली एक क्रांतिकारी द्वारा राजा जगतपाल सिंह को दिए गए श्राप के कारण गिरती है। वैसे तो बिजली गिरना एक प्राकृति घटना है लेकिन एक ही जगह पर दशको से लगातार बिजली गिरना जरूर आश्चर्य की बात है।
खंडहर हो चुके महल के अवशेष All Images Credit Dr. Nitish Priyadarshi |
बावनी इमली शहीद स्मारक - फतेहपुर - एक इमली का पेड़ जिस पर अंग्रेजो ने 52 क्रांतिकारियों को एक साथ लटकाया था फांसी पर
हमारे देश को अंग्रेजो की दासता से मुक्त कराने के लिए अनगिनत क्रांतिकारियों ने अपनी जान भारत माँ के नाम कुर्बान करी थी। इन शहीदो की शाहदत को नमन करने के लिए अनेको जगह शहीद स्मारक बने हुए है, जो की हमें उन आज़ादी के सिपाहियों कि देश की स्वतंत्रता के लिए किए गए बलिदानो की याद दिलाते है। ऐसे ही एक क्रांतिकारी बाबू बंधू सिंह के शहीद स्मारक के बारे में हम आपको पहले ही बता चुके है जो की अँगरेज़ सैनिको के सिर काटकर तरकुलहा देवी के चरणो में चढ़ा देते थे। आज हम आपको ऐसे ही एक और स्मारक के बारे में बता रहे है जो की इतिहास में बावनी इमली के नाम से जाना जाता है। असल में यह एक इमली का पेड़ है जिस पर अंग्रेजो ने 28 अप्रेल 1858 को 52 क्रांतिकारियों को एक साथ फांसी पर लटका दिया था। यह पेड़ गवाह है अंग्रेजो की नाक में दम करने वाले क्रांतिकारी जोधा सिंह अटैया और उनके 51 साथियो की शाहदत का।
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दीमापुर - नागालैंड - यहाँ है शतरंज की विशाल गोटिया जिनसे खेलते थे भीम और घटोत्कच
आज हम आपको एक ऐसी जगह की यात्रा पर ले चलते है जहा रखी महाभारत काल की विरासत आज भी पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है। यह जगह है भारत के पूर्वोत्तर में स्थित राज्य नागालैंड का एक शहर दीमापुर जिसको कभी हिडिंबापुर के नाम से जाना जाता था। इस जगह महाभारत काल में हिडिंब राक्षस और उसकी बहन हिडिंबा रहा करते थे। यही पर हिडिंबा ने भीम से विवाह किया था। यहां बहुलता में रहनेवाली डिमाशा जनजाति खुद को भीम की पत्नी हिडिंबा का वंशज मानती है। यहाँ आज भी हिडिंबा का वाड़ा है, जहां राजवाड़ी में स्थित शतरंज की ऊंची-ऊंची गोटियां पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है। इनमे से कुछ अब टूट चुकी है। यहाँ के निवासियों कि मान्यता है कि इन गोटियों से भीम और उसका पुत्र घटोत्कच शतरंज खेलते थे। इस जगह पांडवो ने अपने वनवास का काफी समय व्यतीत किया था।
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मालचा महल - दिल्ली का एक गुमनाम महल, जहाँ अवध वंश के राजकुमार और राजकुमारी जी रहे है गुमनाम ज़िंदगी
आज हम आपको दिल्ली के ऐसे गुमनाम महल के बारे में बताते है जिसके बारे में अधिकतर दिल्ली वासी भी नहीं जानते है यह है दिल्ली के दक्षिण रिज़ के बीहड़ों में छुपा 'मालचा महल' जिसमे पिछले 28 सालो से अवध राजघराने के वंशज राजकुमार 'रियाज़' (Prince Riaz) और राजकुमारी 'सकीना महल' (Princess Sakina Mahal) रह रहे है। पहले इनके साथ इनकी माँ 'विलायत महल' भी रहा करती थी जिन्होंने 10 सितंबर 1993 को आत्महत्या कर ली थी। इस महल तक जाने का रास्ता सरदार पटेल मार्ग से जाता है। लेकिन इस महल में अंदर जाने की इज़ाज़त किसी को नहीं है। उस महल तक पहुंचने के एक मात्र रास्ते पर लगा है लोहे का ग्रिल, जिस पर हल्की-सी आहट होते ही कुत्ते भौंकना शुरु कर देते हैं । चारों ओर कंटीली तार के बाड़े से घिरे उस महल के प्रवेश द्वार पर लगे पत्थर पर लिखा है, रूलर्स ऑफ अवध: 'प्रिंसेस विलायत महल' (Rulers of Oudh - Princess Vilayat Mahal) .
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शनिवार वाडा फोर्ट - इंडिया के टॉप हॉन्टेड प्लेस में है शामिल
शनिवार वाडा फोर्ट, महाराष्ट्र के पुणे में स्तिथ है। इस किले की नीव शनिवार के दिन रखी गई थी इसलिए इसका नाम शनिवार वाडा पड़ा। यह फोर्ट अपनी भव्यता और ऐतिहासिकता के लिए प्रसिद्ध है। इसका निर्माण 18 वि शताब्दी में मराठा साम्राज्य पर शासन करने वाले पेशवाओं ने करवाया था। यह किला 1818 तक पेशवाओं की प्रमुख गद्दी रहा था। लेकिन इस किले के साथ एक काला अध्याय भी जुड़ा है। इस किले में 30 अगस्त 1773 की रात को 18 साल के नारायण राव, जो की मात्र 16 साल की उम्र में मराठा साम्राज्य के पांचवे पेशवा बन थे, की षड्यंत्रपूर्वक ह्त्या कर दी गई थी। जब हत्यारे उसकी ह्त्या करने आये तो उसने ख़तरा भांप कर अपने काका (चाचा) कक्ष की और "Kaka Mall Vachva" (Uncle Save Me) कहते हुए दौड़ लगाई पर बदकिस्मती वहाँ पहुंचने से पहले मारा गया। कहते है की किले में उसी बच्चे नारायण राव की आत्मा आज भी भटकती है और उसके द्वारा बोले गए आखिरी शब्द "काका माला वचाव" आज भी किले में सुनाई देते है। इसलिए इस किले को इंडिया के टॉप मोस्ट हॉन्टेड प्लेस (Top most haunted place of India) में शामिल किया जाता है। आइये अब हम आपको इस किले के निर्माण से लेकर इस पर अंग्रेजो के अधिकार तक तथा नारायण राव की षड्यंत्रपूर्वक ह्त्या पर विस्तार से बताते है।
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