आप ने अपनी ज़िंदगी मे कभी न कभी कोई ना कोई म्यूज़ियम अवश्य देख होगा। दुनिया में म्यूज़ियम बनाने कि परंपरा बहुत पूरानी है और दुनीया मे अनको चीज़ो के म्यूज़ियम बने हुए है। लेकिन आइसलैंड की राजधानी रेक्जाविक मे स्तिथ 'आइसलैंडिक फैलोलॉजिकल म्यूजियम' (The Icelandic Phallological Museum) अपने आप में अनोखा है क्योकि यह दुनिया का इकलौता म्यूज़ियम है जहाँ मछलियो, जानवारों से लेकर इंसानो तक के लिंग (जननांग) का संग्रह किया गया है। इस लिंग म्यूज़ियम की स्थापना आइसलैंड के एक निवासी सिगरदर जारटार्सन ने 1997 में की थी।
सिगरदर जारटार्सन, पेनिस म्यूज़ियम के संस्थापक All Images Credit |
इस संग्रालय मे आइसलैंड की धरती और पानी मे पाए जाने वाले अधिकतर मेमल्स (बच्चे पैदा करने वाले स्तनपायी प्राणी) के लिंगों का संग्रह है जिनकी संख्या 215 से अधिक है। इनमे 56 लिंग 17 अलग अलग तरह की व्हेल मछली के, 36 लिंग 7 अलग अलग तरह की सील के तथा बाकि के लिंग आइसलैंड की धरती पर मिलने वाले 26 प्रकार के अन्य मेमल्स के है जिसमे इंसान भी शामिल है। इसके अलावा कई लिंग विदेशी जानवारों के है। इस प्रकार कुल मिलाकर 300 से भी अधिक लिंग के नमुने यहाँ संग्रहित है।
हाथी का विशाल लिंग |
जिराफ़ का लिंग |
पेनिस म्यूज़ियम का सबसे बडा लिंग - व्हेल फिश का लिंग (67 इंच) |
मज़ाक से हुई थी पेनिस म्यूज़ियम (लिंग संग्रालय) की शुरुआत :
इस म्यूज़िम कि शुरुआत एक मज़ाक से हुई थी। बात 1974 की है जब जारटार्सन आईसलैंड के एक स्कूल मे हेडमास्टर थे। एक बार गर्मियों की छुटियों मे वो पास के गाँव घूमने गये, वहाँ पर उन्हे किसी ग्रामीण ने एक बेल का लिंग दीया। उन्होंने वो लिंग वापस आकर अपने साथी टीचर्स को दिखाया। उनके साथी अध्यापक भी गर्मियों की छुट्टियों में पास ही स्तिथ व्हेल स्टेशन पर काम किया करते थे। उन्होंने जारटार्सन का मजाक उडाने के लीए, व्हेल स्टेशन से एक विशाल व्हेल का लिंग लाकर दिया। लेकिन इसका उलटा असर हुआ और जारटार्सन को लिंगों का संग्रह करने का विचार आया। 1980 तक उनके पास 13, 1940 तक 34 और 1997 में, जब उन्होंने रेक्जाविक मे पेनिस म्यूज़ियम खोला, उनके पास 62 लिंगो का संग्रह हो चुका था। वर्तमान में यह संख्या 300 से ज्यादा हो चुकी है।
कुछ अन्य मेमल्स के लिंग |
1. इस म्यूज़ियम मे साल भर मे औसतन 11000 विज़िटर आते है।
2. यहाँ आने वाले विज़िटर्स मे से 60 % महिलाये होती है। जो इस बात को प्रमाणित करती है कि प्रकर्ति विपरीत लिंग के प्रति हमेशा ज्यादा आकर्षण होता है।
3. अमेरिका के टॉम मिचेल ने अपनी मौत पूर्व अपना लिंग "Elmo" (Nick name of his penis) म्यूज़ियम को दान करने की इच्छा ज़ाहिर की है इस पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'The Final Member' बन चुकी है।
टॉम मिचेल जो की अपनी मृत्यु पूर्व अपना लिंग म्यूज़ियम को देंगे |
5. एक जर्मन आदमी ने इस म्यूज़ियम को ख़रीदने के लिए 232000 $ का प्रस्ताव दिया था।
6. एक अन्य बिज़निस मेन ने इसे ब्रिटेन मे शिफ्ट करने का प्रस्ताव रखा था।
7. दोनों ही प्रस्ताव जारटार्सन द्वारा निरस्त कर दिये गये।
आइसलैंडिक फैलोलॉजिकल म्यूजियम |
2008 की हैंडबाल टीम की जीत कि खुशी मे बने पेनिस स्कल्पचर |
10. इस म्यूज़ियम का सारा आर्ट वर्क भी पेनिस को समर्पित है।
पेनिस आर्ट वर्क |
पेनिस लैंप
11. जारटार्सन और उसके बेटे सीगुरोसों कि इच्छा इस म्यूज़ियम को फैलोलॉजी ( Phallology, मेडिकल साइंस की एक ब्रांच है जिसमे लिंग का अध्यन्न किया जाता है ) के विश्व्स्तरीय स्टडी सेंटर के रूप मे विकसित करने कि है।
पेनिस म्यूज़ियम की ऑफिसियल वेबसाइट www.phallus.is